Wednesday, 6 August 2008

कुछ एहसास उठे अचानक यूँ!!

१. तेरे साथ भी जिया था, तेरे बाद भी जीता हूँ,
अब जिंदगी में खास ये है, बिना जिए भी जीता हूँ!!!


२. जिनके एक दीदार पे हमारी १०० मौतें कुर्बान थी,
वो इतने बेक़दर निकले हमें इक बार मरने का हक न दिया!!!



1 comment:

Unknown said...

WELL THESE ARE THE PART OF MANY QUALITIES WHAT HE POSSESES .EXCELLENT JOB BRO.